असंम्भव कुछ भी नही
असम्भव इस दुनिया कुछ नही होता मेरे दोस्तों । असम्भव सिर्फ़ दीवारों या कोरे कागजों पर लिखा एक शब्द हैं,जिसका सही मायने में कोई अर्थ नही हैं। असम्भव हमारी सोच और मानसिकता पर निर्भर करता हैं । ज़िंदगी में जो चाहो वो हासिल कर लो,बस इतना ख्याल रखना कभी मत सोचिये की आत्मा रूपी शरीर के लिए कुछ असम्भव है और वो लोग जो अपने दिमाग को नही बदल सकते वह कुछ भी नही कर सकते ।
जब तक नही होता तब तक लगता हैं हो नही सकता, मनुष्य इसी कड़ी में आगे बढ़ता जाता हैं ।
'Lord Kelvin' नाम के एक बहुत बड़े वैज्ञानिक कहते थे सिर्फ़ पक्षी उड़ान भर सकता हैं । हवा से भारी मशीन का उड़ान भरने असम्भव हैं,हवा से कुछ भी भारी हो वो उड़ नही सकता क्योंकि ग्रेविटी उसे गिरा देगी । 'It is impossible'
Write बंधुओं ने इसे पूर्ण तरीके से नकार दिया और उस सिद्धान्त को साइकिल के स्पेयर पार्ट्स से असम्भव को सम्भव कर दिखाया ।16 साल लगे उन्हें इस निर्माण में।
भँवरे के बारे में यही बात कही जाता थी कि भँवरा वायु के सिद्धांत के कारण जीवन में कभी उड़ नही सकता। क्योंकि उसके पंख उसके शरीर से हल्के हैं । भँवरे को ये बात नही पता थी,लेकिन वह मस्त उड़ता हैं ।
आप जो बनना या करना चाहते हैं ,महसूस करें क्योंकि तुम वक्त बदल सकते हो ।
"वक्त आने पर शोलों पर भी चल सकते हो, तुमसे ही तो रौनक यह जमाना हैं...तुम आसमानों में भी आगे निकल सकते हो..!!"
मनुष्य द्वारा की गई किसी कार्य की परिकल्पना उसके लिए चुनौती हैं असम्भव नही,मनुष्य को उस चुनौती को स्वीकार करना होगा। संघर्ष करना होगा,मैदान छोड़कर नही भागना इतना ध्यान रखना होगा ।
Herry Andrew ब्रिटिश ओलम्पिक टीम के कोच हुआ करते थे । सन 1903 में उन्होंने एक कथन लिखा-- "मेरे हिसाब से एक मील दौड़ का रिकॉर्ड 4 मिनट से ज्यादा का हैं उसे तोड़ना असम्भव हैं ,ये हो नही सकता कि आदमी कभी भी इतना सक्षम हो जाए कि 4 मिनट के अंदर वो एक मील क्रॉस कर सके।"
ये असम्भव हैं ये कथन दुनिया भर में फैल गया ।
लेकिन एक पागल सिरफिरा जिसने कभी ये लाइन ये कथन पढ़े या सुने ही नही थे । वो निकल के आया उसका नाम था "Roger Bannister" हाँ जी वो ही Roger Bannister जिसने 6 मई 1954 में एक मील की दौड़ 3 मिनट 59.4 सेकंड में पूरी कर दुनिया में इतिहास रच दिया । दुनिया को बता दिया कि असम्भव इस दुनिया में कोई शब्द हैं ही नही ।
ये संसार उदाहरणों से भरा पड़ा है ।
आप जो करना चाहते हो लग जाओ जी जान से उसे पूरा करने में बता दो दुनिया को असम्भव कुछ नही मैं इसे कर सकता हूँ या मैंने करके दिखाया हैं।
"ये हौसलों की उड़ान हैं इसे उड़ने दो..!"
'Lord Kelvin' नाम के एक बहुत बड़े वैज्ञानिक कहते थे सिर्फ़ पक्षी उड़ान भर सकता हैं । हवा से भारी मशीन का उड़ान भरने असम्भव हैं,हवा से कुछ भी भारी हो वो उड़ नही सकता क्योंकि ग्रेविटी उसे गिरा देगी । 'It is impossible'
Write बंधुओं ने इसे पूर्ण तरीके से नकार दिया और उस सिद्धान्त को साइकिल के स्पेयर पार्ट्स से असम्भव को सम्भव कर दिखाया ।16 साल लगे उन्हें इस निर्माण में।
भँवरे के बारे में यही बात कही जाता थी कि भँवरा वायु के सिद्धांत के कारण जीवन में कभी उड़ नही सकता। क्योंकि उसके पंख उसके शरीर से हल्के हैं । भँवरे को ये बात नही पता थी,लेकिन वह मस्त उड़ता हैं ।
आप जो बनना या करना चाहते हैं ,महसूस करें क्योंकि तुम वक्त बदल सकते हो ।
"वक्त आने पर शोलों पर भी चल सकते हो, तुमसे ही तो रौनक यह जमाना हैं...तुम आसमानों में भी आगे निकल सकते हो..!!"
मनुष्य द्वारा की गई किसी कार्य की परिकल्पना उसके लिए चुनौती हैं असम्भव नही,मनुष्य को उस चुनौती को स्वीकार करना होगा। संघर्ष करना होगा,मैदान छोड़कर नही भागना इतना ध्यान रखना होगा ।
Herry Andrew ब्रिटिश ओलम्पिक टीम के कोच हुआ करते थे । सन 1903 में उन्होंने एक कथन लिखा-- "मेरे हिसाब से एक मील दौड़ का रिकॉर्ड 4 मिनट से ज्यादा का हैं उसे तोड़ना असम्भव हैं ,ये हो नही सकता कि आदमी कभी भी इतना सक्षम हो जाए कि 4 मिनट के अंदर वो एक मील क्रॉस कर सके।"
ये असम्भव हैं ये कथन दुनिया भर में फैल गया ।
लेकिन एक पागल सिरफिरा जिसने कभी ये लाइन ये कथन पढ़े या सुने ही नही थे । वो निकल के आया उसका नाम था "Roger Bannister" हाँ जी वो ही Roger Bannister जिसने 6 मई 1954 में एक मील की दौड़ 3 मिनट 59.4 सेकंड में पूरी कर दुनिया में इतिहास रच दिया । दुनिया को बता दिया कि असम्भव इस दुनिया में कोई शब्द हैं ही नही ।
ये संसार उदाहरणों से भरा पड़ा है ।
आप जो करना चाहते हो लग जाओ जी जान से उसे पूरा करने में बता दो दुनिया को असम्भव कुछ नही मैं इसे कर सकता हूँ या मैंने करके दिखाया हैं।
"ये हौसलों की उड़ान हैं इसे उड़ने दो..!"
✍️ऊधम सिनसिनी
Bhaiya apne to kamal hi kar diya .I salute u ...
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद
ReplyDelete